Original

ऋषीणामुत्तमं धीमान्कृष्णद्वैपायनं शुकः ।अभिवाद्याह्निकं कृत्वा शुचिः प्रयतमानसः ।पितरं परिपप्रच्छ दृष्टलोकपरावरम् ॥ ७ ॥

Segmented

ऋषीणाम् उत्तमम् धीमान् कृष्णद्वैपायनम् शुकः अभिवाद्य आह्निकम् कृत्वा शुचिः प्रयत-मानसः पितरम् परिपप्रच्छ दृष्ट-लोक-परावरम्

Analysis

Word Lemma Parse
ऋषीणाम् ऋषि pos=n,g=m,c=6,n=p
उत्तमम् उत्तम pos=a,g=m,c=2,n=s
धीमान् धीमत् pos=a,g=m,c=1,n=s
कृष्णद्वैपायनम् कृष्णद्वैपायन pos=n,g=m,c=2,n=s
शुकः शुक pos=n,g=m,c=1,n=s
अभिवाद्य अभिवादय् pos=vi
आह्निकम् आह्निक pos=n,g=n,c=2,n=s
कृत्वा कृ pos=vi
शुचिः शुचि pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रयत प्रयम् pos=va,comp=y,f=part
मानसः मानस pos=n,g=m,c=1,n=s
पितरम् पितृ pos=n,g=m,c=2,n=s
परिपप्रच्छ परिप्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lit
दृष्ट दृश् pos=va,comp=y,f=part
लोक लोक pos=n,comp=y
परावरम् परावर pos=n,g=m,c=2,n=s