Original

युधिष्ठिर उवाच ।गोप्रदाने गुणान्सम्यक्पुनः प्रब्रूहि भारत ।न हि तृप्याम्यहं वीर शृण्वानोऽमृतमीदृशम् ॥ २ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच गो प्रदाने गुणान् सम्यक् पुनः प्रब्रूहि भारत न हि तृप्यामि अहम् वीर शृण्वानो ऽमृतम् ईदृशम्

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
गो गो pos=i
प्रदाने प्रदान pos=n,g=n,c=7,n=s
गुणान् गुण pos=n,g=m,c=2,n=p
सम्यक् सम्यक् pos=i
पुनः पुनर् pos=i
प्रब्रूहि प्रब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
हि हि pos=i
तृप्यामि तृप् pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
वीर वीर pos=n,g=m,c=8,n=s
शृण्वानो श्रु pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽमृतम् अमृत pos=n,g=n,c=2,n=s
ईदृशम् ईदृश pos=a,g=n,c=2,n=s