Original

गौर्मे माता गोवृषभः पिता मे दिवं शर्म जगती मे प्रतिष्ठा ।प्रपद्यैवं शर्वरीमुष्य गोषु मुनिर्वाणीमुत्सृजेद्गोप्रदाने ॥ ७ ॥

Segmented

गौः मे माता गो वृषभः पिता मे दिवम् शर्म जगती मे प्रतिष्ठा प्रपद्य एवम् शर्वरीम् उष्य गोषु मुनिः वाणीम् उत्सृजेद् गो प्रदाने

Analysis

Word Lemma Parse
गौः गो pos=n,g=,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
माता मातृ pos=n,g=f,c=1,n=s
गो गो pos=i
वृषभः वृषभ pos=n,g=m,c=1,n=s
पिता पितृ pos=n,g=m,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
दिवम् दिव pos=n,g=n,c=1,n=s
शर्म शर्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
जगती जगती pos=n,g=f,c=1,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्रतिष्ठा प्रतिष्ठा pos=n,g=f,c=1,n=s
प्रपद्य प्रपद् pos=vi
एवम् एवम् pos=i
शर्वरीम् शर्वरी pos=n,g=f,c=2,n=s
उष्य वस् pos=vi
गोषु गो pos=n,g=,c=7,n=p
मुनिः मुनि pos=n,g=m,c=1,n=s
वाणीम् वाणी pos=n,g=f,c=2,n=s
उत्सृजेद् उत्सृज् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
गो गो pos=i
प्रदाने प्रदान pos=n,g=n,c=7,n=s