महाभारतम् — 13.74.34
Original
Segmented
ब्रह्मचर्यस्य तु गुणान् शृणु मे वसुधाधिप आ जन्म-मरणात् यः तु ब्रह्मचारी भवेद् इह न तस्य किंचिद् अ प्राप्तव्यम् इति विद्धि जनाधिप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्रह्मचर्यस्य | ब्रह्मचर्य | pos=n,g=n,c=6,n=s |
तु | तु | pos=i |
गुणान् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वसुधाधिप | वसुधाधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
आ | आ | pos=i |
जन्म | जन्मन् | pos=n,comp=y |
मरणात् | मरण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
ब्रह्मचारी | ब्रह्मचारिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इह | इह | pos=i |
न | न | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अ | अ | pos=i |
प्राप्तव्यम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
जनाधिप | जनाधिप | pos=n,g=m,c=8,n=s |