महाभारतम् — 13.73.3
Original
Segmented
विक्रय-अर्थम् हि यो हिंस्याद् भक्षयेद् वा निरङ्कुशः घातयानम् हि पुरुषम् ये ऽनुमन्येयुः अर्थिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
विक्रय | विक्रय | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हिंस्याद् | हिंस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
भक्षयेद् | भक्षय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
वा | वा | pos=i |
निरङ्कुशः | निरङ्कुश | pos=a,g=m,c=1,n=s |
घातयानम् | घातय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
पुरुषम् | पुरुष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ऽनुमन्येयुः | अनुमन् | pos=v,p=3,n=p,l=vidhilin |
अर्थिनः | अर्थिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |