महाभारतम् — 13.72.44
Original
Segmented
कान्तारे ब्राह्मणान् गाः च यः परित्राति कौशिक क्षेमेण च विमुच्येत तस्य पुण्य-फलम् शृणु अश्वमेध-क्रतोः तुल्यम् फलम् भवति शाश्वतम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कान्तारे | कान्तार | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
गाः | गो | pos=n,g=,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
परित्राति | परित्रा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
कौशिक | कौशिक | pos=n,g=m,c=8,n=s |
क्षेमेण | क्षेम | pos=n,g=n,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
विमुच्येत | विमुच् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुण्य | पुण्य | pos=a,comp=y |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
अश्वमेध | अश्वमेध | pos=n,comp=y |
क्रतोः | क्रतु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तुल्यम् | तुल्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शाश्वतम् | शाश्वत | pos=a,g=n,c=1,n=s |