महाभारतम् — 13.72.26
Original
Segmented
महत् फलम् प्राप्नुते स द्विजाय दत्त्वा दोग्ध्रीम् विधिना अनेन धेनुम् नित्यम् दद्याद् एक-भक्तः सदा च सत्ये स्थितो गुरु-शुश्रूषिता च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
महत् | महत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्राप्नुते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
द्विजाय | द्विज | pos=n,g=m,c=4,n=s |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
दोग्ध्रीम् | दोग्ध्री | pos=n,g=f,c=2,n=s |
विधिना | विधि | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अनेन | इदम् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
धेनुम् | धेनु | pos=n,g=f,c=2,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
दद्याद् | दा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
एक | एक | pos=n,comp=y |
भक्तः | भक्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
च | च | pos=i |
सत्ये | सत्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
स्थितो | स्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
शुश्रूषिता | शुश्रूषितृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |