महाभारतम् — 13.72.16
Original
Segmented
दायाद्य-लब्धैः अर्थैः यो गाः क्रीत्वा सम्प्रयच्छति धर्म-अर्जित-धन-क्रीतान् स लोकान् अश्नुते ऽक्षयान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दायाद्य | दायाद्य | pos=n,comp=y |
लब्धैः | लभ् | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
अर्थैः | अर्थ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गाः | गो | pos=n,g=,c=2,n=p |
क्रीत्वा | क्री | pos=vi |
सम्प्रयच्छति | सम्प्रयम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
अर्जित | अर्जय् | pos=va,comp=y,f=part |
धन | धन | pos=n,comp=y |
क्रीतान् | क्री | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अश्नुते | अश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽक्षयान् | अक्षय | pos=a,g=m,c=2,n=p |