महाभारतम् — 13.71.6
Original
Segmented
शक्र उवाच स्वः लोक-वासिनाम् लक्ष्मीम् अभिभूय स्वया त्विषा गो लोक-वासिन् पश्ये व्रजतः संशयो ऽत्र मे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स्वः | स्वर् | pos=i |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
वासिनाम् | वासिन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
लक्ष्मीम् | लक्ष्मी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अभिभूय | अभिभू | pos=vi |
स्वया | स्व | pos=a,g=f,c=3,n=s |
त्विषा | त्विष् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
गो | गो | pos=i |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
वासिन् | वासिन् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
पश्ये | पश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
व्रजतः | व्रज् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
संशयो | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽत्र | अत्र | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |