महाभारतम् — 13.7.27
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच भीष्मस्य तद् वचः श्रुत्वा विस्मिताः कुरु-पुंगवाः आसन् प्रहृः-मनसः प्रीतिमन्तो अभवन् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
भीष्मस्य | भीष्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
विस्मिताः | विस्मि | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
पुंगवाः | पुंगव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
आसन् | अस् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
प्रहृः | प्रहृष् | pos=va,comp=y,f=part |
मनसः | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रीतिमन्तो | प्रीतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
अभवन् | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |