महाभारतम् — 13.65.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच दह्यमानाय विप्राय यः प्रयच्छति उपानहौ यत् फलम् तस्य भवति तत् मे ब्रूहि पितामह
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दह्यमानाय | दह् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
विप्राय | विप्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रयच्छति | प्रयम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
उपानहौ | उपानह् | pos=n,g=f,c=2,n=d |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
फलम् | फल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पितामह | पितामह | pos=n,g=m,c=8,n=s |