Original

नाच्छिन्द्यात्स्पर्शितां भूमिं परेण त्रिदशाधिप ।ब्राह्मणाय सुरश्रेष्ठ कृशभृत्याय कश्चन ॥ ७५ ॥

Segmented

ब्राह्मणाय सुरश्रेष्ठ कृश-भृत्याय कश्चन

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मणाय ब्राह्मण pos=n,g=m,c=4,n=s
सुरश्रेष्ठ सुरश्रेष्ठ pos=n,g=m,c=8,n=s
कृश कृश pos=a,comp=y
भृत्याय भृत्य pos=n,g=m,c=4,n=s
कश्चन कश्चन pos=n,g=m,c=1,n=s