महाभारतम् — 13.61.74
Original
Segmented
ब्राह्मणेष्व् ऋण-भूतम् स्यात् पार्थिवस्य पुरंदर इतरेषाम् तु वर्णानाम् तारयेत् कृश-दुर्बलान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्राह्मणेष्व् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=7,n=p |
ऋण | ऋण | pos=n,comp=y |
भूतम् | भू | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पार्थिवस्य | पार्थिव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
पुरंदर | पुरंदर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
इतरेषाम् | इतर | pos=n,g=m,c=6,n=p |
तु | तु | pos=i |
वर्णानाम् | वर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=p |
तारयेत् | तारय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कृश | कृश | pos=a,comp=y |
दुर्बलान् | दुर्बल | pos=a,g=m,c=2,n=p |