Original

अन्तर्वेद्यां च यद्दत्तं श्रद्धया चानृशंस्यतः ।किं स्विन्निःश्रेयसं तात तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ ३ ॥

Segmented

अन्तर्वेद्याम् च यद् दत्तम् श्रद्धया च आनृशंस्यात् किम् स्विद् निःश्रेयसम् तात तत् मे ब्रूहि पितामह

Analysis

Word Lemma Parse
अन्तर्वेद्याम् अन्तर्वेदी pos=n,g=f,c=7,n=s
pos=i
यद् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
दत्तम् दा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
श्रद्धया श्रद्धा pos=n,g=f,c=3,n=s
pos=i
आनृशंस्यात् आनृशंस्य pos=n,g=n,c=5,n=s
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
स्विद् स्विद् pos=i
निःश्रेयसम् निःश्रेयस pos=a,g=n,c=1,n=s
तात तात pos=n,g=m,c=8,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितामह पितामह pos=n,g=m,c=8,n=s