महाभारतम् — 13.6.47
Original
Segmented
व्यपनयति विमार्गम् न अस्ति दैवे प्रभु-त्वम् गुरुम् इव कृतम् अग्र्यम् कर्म संयाति दैवम् अनुपहतम् अदीनम् कामकारेण दैवम् नयति पुरुषकारः संचितः तत्र तत्र
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यपनयति | व्यपनी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
विमार्गम् | विमार्ग | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दैवे | दैव | pos=n,g=n,c=7,n=s |
प्रभु | प्रभु | pos=a,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
गुरुम् | गुरु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
इव | इव | pos=i |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
अग्र्यम् | अग्र्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
संयाति | संया | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अनुपहतम् | अनुपहत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
अदीनम् | अदीन | pos=a,g=n,c=1,n=s |
कामकारेण | कामकार | pos=n,g=m,c=3,n=s |
दैवम् | दैव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
नयति | नी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुरुषकारः | पुरुषकार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
संचितः | संचि | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
तत्र | तत्र | pos=i |
तत्र | तत्र | pos=i |