Original

दैवमानुषयोः किं स्वित्कर्मणोः श्रेष्ठमित्युत ।पुरा वसिष्ठो भगवान्पितामहमपृच्छत ॥ ३ ॥

Segmented

दैव-मानुषयोः किम् स्वित् कर्मणोः श्रेष्ठम् इति उत पुरा वसिष्ठो भगवान् पितामहम् अपृच्छत

Analysis

Word Lemma Parse
दैव दैव pos=a,comp=y
मानुषयोः मानुष pos=a,g=n,c=6,n=d
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
स्वित् स्विद् pos=i
कर्मणोः कर्मन् pos=n,g=n,c=6,n=d
श्रेष्ठम् श्रेष्ठ pos=a,g=n,c=1,n=s
इति इति pos=i
उत उत pos=i
पुरा पुरा pos=i
वसिष्ठो वसिष्ठ pos=n,g=m,c=1,n=s
भगवान् भगवत् pos=a,g=m,c=1,n=s
पितामहम् पितामह pos=n,g=m,c=2,n=s
अपृच्छत प्रच्छ् pos=v,p=3,n=s,l=lan