महाभारतम् — 13.58.18
Original
Segmented
तेषु शुद्धेषु दान्तेषु स्व-दार-निरतेषु च यत् करिष्यसि कल्याणम् तत् त्वा लोकेषु धास्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
शुद्धेषु | शुध् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
दान्तेषु | दम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
दार | दार | pos=n,comp=y |
निरतेषु | निरम् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करिष्यसि | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
कल्याणम् | कल्याण | pos=a,g=n,c=2,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
त्वा | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
धास्यति | धा | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |