महाभारतम् — 13.57.42
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच तस्य तद् वचनम् श्रुत्वा प्रीत-आत्मा कुरु-नन्दनः न आश्रमे ऽरोचयद् वासम् वीर-मार्ग-अभिकाङ्क्षया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
प्रीत | प्री | pos=va,comp=y,f=part |
आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
नन्दनः | नन्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
आश्रमे | आश्रम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽरोचयद् | रोचय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
वासम् | वास | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वीर | वीर | pos=n,comp=y |
मार्ग | मार्ग | pos=n,comp=y |
अभिकाङ्क्षया | अभिकाङ्क्षा | pos=n,g=f,c=3,n=s |