Original

नहुष उवाच ।सहस्रं दीयतां मूल्यं निषादेभ्यः पुरोहित ।निष्क्रयार्थं भगवतो यथाह भृगुनन्दनः ॥ ६ ॥

Segmented

नहुष उवाच सहस्रम् दीयताम् मूल्यम् निषादेभ्यः पुरोहित निष्क्रय-अर्थम् भगवतो यथा आह भृगु-नन्दनः

Analysis

Word Lemma Parse
नहुष नहुष pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सहस्रम् सहस्र pos=n,g=n,c=1,n=s
दीयताम् दा pos=v,p=3,n=s,l=lot
मूल्यम् मूल्य pos=n,g=n,c=1,n=s
निषादेभ्यः निषाद pos=n,g=m,c=4,n=p
पुरोहित पुरोहित pos=n,g=m,c=8,n=s
निष्क्रय निष्क्रय pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
भगवतो भगवत् pos=a,g=m,c=6,n=s
यथा यथा pos=i
आह अह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भृगु भृगु pos=n,comp=y
नन्दनः नन्दन pos=n,g=m,c=1,n=s