Original

नहुष उवाच ।करवाणि प्रियं किं ते तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ।सर्वं कर्तास्मि भगवन्यद्यपि स्यात्सुदुष्करम् ॥ ४ ॥

Segmented

नहुष उवाच करवाणि प्रियम् किम् ते तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि सर्वम् कर्तास्मि भगवन् यदि अपि स्यात् सु दुष्करम्

Analysis

Word Lemma Parse
नहुष नहुष pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
करवाणि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lot
प्रियम् प्रिय pos=a,g=n,c=2,n=s
किम् pos=n,g=n,c=2,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=2,n=s
कर्तास्मि कृ pos=v,p=1,n=s,l=lrt
भगवन् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
यदि यदि pos=i
अपि अपि pos=i
स्यात् अस् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin
सु सु pos=i
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=n,c=1,n=s