महाभारतम् — 13.5.27
Original
Segmented
वरम् वृणीष्व इति तदा स च वव्रे वरम् शुकः आनृशंस्य-परः नित्यम् तस्य वृक्षस्य संभवम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वरम् | वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वृणीष्व | वृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
इति | इति | pos=i |
तदा | तदा | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
वव्रे | वृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वरम् | वर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शुकः | शुक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आनृशंस्य | आनृशंस्य | pos=n,comp=y |
परः | पर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
वृक्षस्य | वृक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
संभवम् | सम्भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |