Original

गतायुषमसामर्थ्यं क्षीणसारं हतश्रियम् ।विमृश्य प्रज्ञया धीर जहीमं ह्यस्थिरं द्रुमम् ॥ १८ ॥

Segmented

गत-आयुषम् असामर्थ्यम् क्षीण-सारम् हत-श्रियम् विमृश्य प्रज्ञया धीर जहि इमम् हि अस्थिरम् द्रुमम्

Analysis

Word Lemma Parse
गत गम् pos=va,comp=y,f=part
आयुषम् आयुष pos=n,g=m,c=2,n=s
असामर्थ्यम् असामर्थ्य pos=a,g=m,c=2,n=s
क्षीण क्षि pos=va,comp=y,f=part
सारम् सार pos=n,g=m,c=2,n=s
हत हन् pos=va,comp=y,f=part
श्रियम् श्री pos=n,g=m,c=2,n=s
विमृश्य विमृश् pos=vi
प्रज्ञया प्रज्ञा pos=n,g=f,c=3,n=s
धीर धीर pos=a,g=m,c=8,n=s
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
इमम् इदम् pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
अस्थिरम् अस्थिर pos=a,g=m,c=2,n=s
द्रुमम् द्रुम pos=n,g=m,c=2,n=s