Original

क्षत्रियो हि स्वधर्मेण श्रियं प्राप्नोति भूयसीम् ।राजा दण्डधरो राजन्रक्षा नान्यत्र क्षत्रियात् ॥ ४१ ॥

Segmented

क्षत्रियो हि स्वधर्मेण श्रियम् प्राप्नोति भूयसीम् राजा दण्ड-धरः राजन् रक्षा न अन्यत्र क्षत्रियात्

Analysis

Word Lemma Parse
क्षत्रियो क्षत्रिय pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
स्वधर्मेण स्वधर्म pos=n,g=m,c=3,n=s
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s
प्राप्नोति प्राप् pos=v,p=3,n=s,l=lat
भूयसीम् भूयस् pos=a,g=f,c=2,n=s
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
दण्ड दण्ड pos=n,comp=y
धरः धर pos=a,g=m,c=1,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
रक्षा रक्षा pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
अन्यत्र अन्यत्र pos=i
क्षत्रियात् क्षत्रिय pos=n,g=m,c=5,n=s