महाभारतम् — 13.47.17
Original
Segmented
अब्राह्मणम् तु मन्यन्ते शूद्रा-पुत्रम् अनैपुणात् त्रिषु वर्णेषु जातो हि ब्राह्मणाद् ब्राह्मणो भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अब्राह्मणम् | अब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
मन्यन्ते | मन् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
शूद्रा | शूद्रा | pos=n,comp=y |
पुत्रम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनैपुणात् | अनैपुण | pos=n,g=n,c=5,n=s |
त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
वर्णेषु | वर्ण | pos=n,g=m,c=7,n=p |
जातो | जन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
ब्राह्मणाद् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ब्राह्मणो | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |