महाभारतम् — 13.44.21
Original
Segmented
भार्या-पति-ऋत्विज्-आचार्याः शिष्य-उपाध्यायः एव च मृषा उक्ते दण्डम् अर्हन्ति न इति आहुः अपरे जनाः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भार्या | भार्या | pos=n,comp=y |
पति | पति | pos=n,comp=y |
ऋत्विज् | ऋत्विज् | pos=n,comp=y |
आचार्याः | आचार्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शिष्य | शिष्य | pos=n,comp=y |
उपाध्यायः | उपाध्याय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |
मृषा | मृषा | pos=i |
उक्ते | वच् | pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part |
दण्डम् | दण्ड | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अर्हन्ति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
न | न | pos=i |
इति | इति | pos=i |
आहुः | अह् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
अपरे | अपर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |