Original

शिखी जटी चीरवासाः पुनर्भवति पुत्रक ।बृहच्छरीरश्च पुनः पीवरोऽथ पुनः कृशः ॥ ३० ॥

Segmented

शिखी जटी चीर-वासाः पुनः भवति पुत्रक बृहत्-शरीरः च पुनः पीवरो ऽथ पुनः कृशः

Analysis

Word Lemma Parse
शिखी शिखिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
जटी जटिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
चीर चीर pos=n,comp=y
वासाः वासस् pos=n,g=m,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
भवति भू pos=v,p=3,n=s,l=lat
पुत्रक पुत्रक pos=n,g=m,c=8,n=s
बृहत् बृहत् pos=a,comp=y
शरीरः शरीर pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
पुनः पुनर् pos=i
पीवरो पीवर pos=a,g=m,c=1,n=s
ऽथ अथ pos=i
पुनः पुनर् pos=i
कृशः कृश pos=a,g=m,c=1,n=s