महाभारतम् — 13.4.33
Original
Segmented
व्यक्तम् भगवता च अत्र कृतम् एवम् भविष्यति ततो मे त्वद्-चरौ भावः पादपे च सुमध्यमे कथम् विशिष्टो भ्राता ते भवेद् इति एव चिन्तय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
व्यक्तम् | व्यक्त | pos=a,g=n,c=2,n=s |
भगवता | भगवत् | pos=a,g=m,c=3,n=s |
च | च | pos=i |
अत्र | अत्र | pos=i |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
एवम् | एवम् | pos=i |
भविष्यति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
ततो | ततस् | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
चरौ | चरु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भावः | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पादपे | पादप | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
सुमध्यमे | सुमध्यमा | pos=n,g=f,c=8,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
विशिष्टो | विशिष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
भ्राता | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |
एव | एव | pos=i |
चिन्तय | चिन्तय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |