महाभारतम् — 13.34.21
Original
Segmented
पृथिवी उवाच ब्राह्मणान् एव सेवेत पवित्रम् हि एतत् उत्तमम् ब्राह्मणान् सेवमानस्य रजः सर्वम् प्रणश्यति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पृथिवी | पृथिवी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
सेवेत | सेव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पवित्रम् | पवित्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
उत्तमम् | उत्तम | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ब्राह्मणान् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सेवमानस्य | सेव् | pos=va,g=m,c=6,n=s,f=part |
रजः | रजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्रणश्यति | प्रणश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |