महाभारतम् — 13.32.33
Original
Segmented
तस्मात् त्वम् अपि कौन्तेय पितृ-देव-द्विज-अतिथीन् सम्यक् पूजय येन त्वम् गतिम् इष्टाम् अवाप्स्यसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
कौन्तेय | कौन्तेय | pos=n,g=m,c=8,n=s |
पितृ | पितृ | pos=n,comp=y |
देव | देव | pos=n,comp=y |
द्विज | द्विज | pos=n,comp=y |
अतिथीन् | अतिथि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
सम्यक् | सम्यक् | pos=i |
पूजय | पूजय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
येन | येन | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
इष्टाम् | इष् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
अवाप्स्यसि | अवाप् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |