महाभारतम् — 13.32.1
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच के पूज्याः के नमस्कार्या मानवैः भरत-ऋषभ विस्तरेण तद् आचक्ष्व न हि तृप्यामि कथ्यताम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
के | क | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पूज्याः | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
के | क | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नमस्कार्या | नमस्कृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=krtya |
मानवैः | मानव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
ऋषभ | ऋषभ | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विस्तरेण | विस्तर | pos=n,g=m,c=3,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आचक्ष्व | आचक्ष् | pos=v,p=2,n=s,l=lan |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
तृप्यामि | तृप् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कथ्यताम् | कथय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |