Original

सुदुष्करं वहन्योगं कृशो धमनिसंततः ।त्वगस्थिभूतो धर्मात्मा स पपातेति नः श्रुतम् ॥ २ ॥

Segmented

सु दुष्करम् वहन् योगम् कृशो धमनिसंततः त्वच्-अस्थि-भूतः धर्म-आत्मा स पपात इति नः श्रुतम्

Analysis

Word Lemma Parse
सु सु pos=i
दुष्करम् दुष्कर pos=a,g=m,c=2,n=s
वहन् वह् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
योगम् योग pos=n,g=m,c=2,n=s
कृशो कृश pos=a,g=m,c=1,n=s
धमनिसंततः धमनिसंतत pos=a,g=m,c=1,n=s
त्वच् त्वच् pos=n,comp=y
अस्थि अस्थि pos=n,comp=y
भूतः भू pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
धर्म धर्म pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
पपात पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
इति इति pos=i
नः मद् pos=n,g=,c=6,n=p
श्रुतम् श्रु pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part