महाभारतम् — 13.30.13
Original
Segmented
यथाकाम-विहारी स्याम् कामरूपी विहंगमः ब्रह्म-क्षत्र-अविरोधेन पूजाम् च प्राप्नुयाम् अहम् यथा मे अक्षया कीर्तिः भवेत् च अपि पुरंदर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यथाकाम | यथाकाम | pos=a,comp=y |
विहारी | विहारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्याम् | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
कामरूपी | कामरूपिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विहंगमः | विहंगम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
क्षत्र | क्षत्र | pos=n,comp=y |
अविरोधेन | अविरोध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
पूजाम् | पूजा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
प्राप्नुयाम् | प्राप् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अक्षया | अक्षय | pos=a,g=f,c=1,n=s |
कीर्तिः | कीर्ति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
पुरंदर | पुरंदर | pos=n,g=m,c=8,n=s |