Original

मतङ्ग संप्रधार्यैतद्यदहं त्वामचूचुदम् ।वृणीष्व काममन्यं त्वं ब्राह्मण्यं हि सुदुर्लभम् ॥ १६ ॥

Segmented

मतङ्ग सम्प्रधार्य एतत् यद् अहम् त्वाम् अचूचुदम् वृणीष्व कामम् अन्यम् त्वम् ब्राह्मण्यम् हि सु दुर्लभम्

Analysis

Word Lemma Parse
मतङ्ग मतंग pos=n,g=m,c=8,n=s
सम्प्रधार्य सम्प्रधारय् pos=vi
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
अचूचुदम् चुद् pos=v,p=1,n=s,l=lun
वृणीष्व वृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
कामम् काम pos=n,g=m,c=2,n=s
अन्यम् अन्य pos=n,g=m,c=2,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
ब्राह्मण्यम् ब्राह्मण्य pos=n,g=n,c=1,n=s
हि हि pos=i
सु सु pos=i
दुर्लभम् दुर्लभ pos=a,g=n,c=1,n=s