महाभारतम् — 13.28.28
Original
Segmented
देवता-असुर-मर्त्येषु यत् पवित्रम् परम् स्मृतम् चण्डाल-योन्याम् जातेन न तत् प्राप्यम् कथंचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
देवता | देवता | pos=n,comp=y |
असुर | असुर | pos=n,comp=y |
मर्त्येषु | मर्त्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
पवित्रम् | पवित्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
स्मृतम् | स्मृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
चण्डाल | चण्डाल | pos=n,comp=y |
योन्याम् | योनि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
जातेन | जन् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
न | न | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
प्राप्यम् | प्राप् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
कथंचन | कथंचन | pos=i |