महाभारतम् — 13.27.99
Original
Segmented
लोकान् इमान् त्रीन् यशसा वितत्य सिद्धिम् प्राप्य महतीम् ताम् दुरापाम् गङ्गा-कृतान् अचिरेण एव लोकान् यथेष्टम् इष्टान् विचरिष्यसि त्वम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
इमान् | इदम् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यशसा | यशस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वितत्य | वितन् | pos=vi |
सिद्धिम् | सिद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
महतीम् | महत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
दुरापाम् | दुराप | pos=a,g=f,c=2,n=s |
गङ्गा | गङ्गा | pos=n,comp=y |
कृतान् | कृ | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
अचिरेण | अचिरेण | pos=i |
एव | एव | pos=i |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
यथेष्टम् | यथेष्ट | pos=a,g=n,c=2,n=s |
इष्टान् | इष् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
विचरिष्यसि | विचर् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |