Original

महाह्रद उपस्पृश्य शुद्धेन मनसा नरः ।एकमासं निराहारो जमदग्निगतिं लभेत् ॥ ४५ ॥

Segmented

महाह्रद उपस्पृश्य शुद्धेन मनसा नरः एक-मासम् निराहारो जमदग्नि-गतिम् लभेत्

Analysis

Word Lemma Parse
महाह्रद महाह्रद pos=n,g=m,c=7,n=s
उपस्पृश्य उपस्पृश् pos=vi
शुद्धेन शुध् pos=va,g=n,c=3,n=s,f=part
मनसा मनस् pos=n,g=n,c=3,n=s
नरः नर pos=n,g=m,c=1,n=s
एक एक pos=n,comp=y
मासम् मास pos=n,g=m,c=2,n=s
निराहारो निराहार pos=a,g=m,c=1,n=s
जमदग्नि जमदग्नि pos=n,comp=y
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s
लभेत् लभ् pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin