महाभारतम् — 13.2.68
Original
Segmented
सुरतम् ते ऽस्तु विप्र-अग्र्यैः प्रीतिः हि परमा मम गृहस्थस्य हि धर्मो ऽग्र्यः सम्प्राप्त-अतिथि-पूजनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सुरतम् | सुरत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
विप्र | विप्र | pos=n,comp=y |
अग्र्यैः | अग्र्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
परमा | परम | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
गृहस्थस्य | गृहस्थ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
हि | हि | pos=i |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽग्र्यः | अग्र्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सम्प्राप्त | सम्प्राप् | pos=va,comp=y,f=part |
अतिथि | अतिथि | pos=n,comp=y |
पूजनम् | पूजन | pos=n,g=n,c=1,n=s |