महाभारतम् — 13.18.57
Original
Segmented
वेदान् कृत्स्नान् ब्राह्मणः प्राप्नुयात् च जयेद् राजा पृथिवीम् च अपि कृत्स्नाम् वैश्यो लाभम् प्राप्नुयात् नैपुणम् च शूद्रो गतिम् प्रेत्य तथा सुखम् च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वेदान् | वेद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
कृत्स्नान् | कृत्स्न | pos=a,g=m,c=2,n=p |
ब्राह्मणः | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्राप्नुयात् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
जयेद् | जि | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
राजा | राजन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पृथिवीम् | पृथिवी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
कृत्स्नाम् | कृत्स्न | pos=a,g=f,c=2,n=s |
वैश्यो | वैश्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लाभम् | लाभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राप्नुयात् | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
नैपुणम् | नैपुण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
शूद्रो | शूद्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गतिम् | गति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्रेत्य | प्रे | pos=vi |
तथा | तथा | pos=i |
सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
च | च | pos=i |