Original

प्रणमन्तं परिष्वज्य मूर्ध्नि चाघ्राय पाण्डव ।दिष्ट्या दृष्टोऽसि मे पुत्र कृतविद्य इहागतः ॥ ४४ ॥

Segmented

प्रणमन्तम् परिष्वज्य मूर्ध्नि च आघ्राय पाण्डव दिष्ट्या दृष्टो ऽसि मे पुत्र कृतविद्य इह आगतः

Analysis

Word Lemma Parse
प्रणमन्तम् प्रणम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
परिष्वज्य परिष्वज् pos=vi
मूर्ध्नि मूर्धन् pos=n,g=m,c=7,n=s
pos=i
आघ्राय आघ्रा pos=vi
पाण्डव पाण्डव pos=n,g=m,c=8,n=s
दिष्ट्या दिष्टि pos=n,g=f,c=3,n=s
दृष्टो दृश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
पुत्र पुत्र pos=n,g=m,c=8,n=s
कृतविद्य कृतविद्य pos=a,g=m,c=1,n=s
इह इह pos=i
आगतः आगम् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part