महाभारतम् — 13.16.8
Original
Segmented
प्रीतिम् च अग्र्याम् बान्धवानाम् सकाशाद् ददामि ते वपुषः कामय्-ताम् च भोक्ष्यन्ते वै सप्ततिः वै शतानि गृहे तुभ्यम् अतिथीनाम् च नित्यम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रीतिम् | प्रीति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अग्र्याम् | अग्र्य | pos=a,g=f,c=2,n=s |
बान्धवानाम् | बान्धव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
सकाशाद् | सकाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ददामि | दा | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
वपुषः | वपुस् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
कामय् | कामय् | pos=va,comp=y,f=krtya |
ताम् | ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
भोक्ष्यन्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
वै | वै | pos=i |
सप्ततिः | सप्तति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
शतानि | शत | pos=n,g=n,c=1,n=p |
गृहे | गृह | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तुभ्यम् | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |
अतिथीनाम् | अतिथि | pos=n,g=m,c=6,n=p |
च | च | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |