महाभारतम् — 13.148.18
Original
Segmented
स्व-देशे पर-देशे वा अपि अतिथिम् न उपवासयेत् कर्म वै सफलम् कृत्वा गुरूणाम् प्रतिपादयेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पर | पर | pos=n,comp=y |
देशे | देश | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वा | वा | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
अतिथिम् | अतिथि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
उपवासयेत् | उपवासय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वै | वै | pos=i |
सफलम् | सफल | pos=a,g=n,c=2,n=s |
कृत्वा | कृ | pos=vi |
गुरूणाम् | गुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |
प्रतिपादयेत् | प्रतिपादय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |