Original

सदा द्विजातीन्संपूज्य किं फलं तत्र मानद ।एतद्ब्रूहि पितः सर्वं सुमहान्संशयोऽत्र मे ॥ ४ ॥

Segmented

सदा द्विजातीन् सम्पूज्य किम् फलम् तत्र मानद एतद् ब्रूहि पितः सर्वम् सु महान् संशयो ऽत्र मे

Analysis

Word Lemma Parse
सदा सदा pos=i
द्विजातीन् द्विजाति pos=n,g=m,c=2,n=p
सम्पूज्य सम्पूजय् pos=vi
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
फलम् फल pos=n,g=n,c=1,n=s
तत्र तत्र pos=i
मानद मानद pos=a,g=m,c=8,n=s
एतद् एतद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
पितः पितृ pos=n,g=,c=8,n=s
सर्वम् सर्व pos=n,g=n,c=2,n=s
सु सु pos=i
महान् महत् pos=a,g=m,c=1,n=s
संशयो संशय pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽत्र अत्र pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s