Original

स पौराणीं ब्रह्मगुहां प्रविष्टो महीसत्रं भारताग्रे ददर्श ।स चैव गामुद्दधाराग्र्यकर्मा विक्षोभ्य दैत्यानुरगान्दानवांश्च ॥ १६ ॥

Segmented

स पौराणीम् ब्रह्म-गुहाम् प्रविष्टो मही-सत्त्रम् भारत अग्रे ददर्श स च एव गाम् उद्दधार अग्र्य-कर्मा विक्षोभ्य दैत्यान् उरगान् दानवान् च

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
पौराणीम् पौराण pos=a,g=f,c=2,n=s
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,comp=y
गुहाम् गुहा pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रविष्टो प्रविश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
मही मही pos=n,comp=y
सत्त्रम् सत्त्र pos=n,g=n,c=2,n=s
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s
अग्रे अग्र pos=n,g=n,c=7,n=s
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
एव एव pos=i
गाम् गो pos=n,g=,c=2,n=s
उद्दधार उद्धृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
अग्र्य अग्र्य pos=a,comp=y
कर्मा कर्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
विक्षोभ्य विक्षोभय् pos=vi
दैत्यान् दैत्य pos=n,g=m,c=2,n=p
उरगान् उरग pos=n,g=m,c=2,n=p
दानवान् दानव pos=n,g=m,c=2,n=p
pos=i