Original

कल्योत्थानरता नित्यं गुरुशुश्रूषणे रता ।सुसंमृष्टक्षया चैव गोशकृत्कृतलेपना ॥ ४४ ॥

Segmented

कल्य-उत्थान-रता नित्यम् गुरु-शुश्रूषणे रता सु संमृष्ट-क्षया च एव गो शकृत्-कृत-लेपना

Analysis

Word Lemma Parse
कल्य कल्य pos=a,comp=y
उत्थान उत्थान pos=n,comp=y
रता रम् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
नित्यम् नित्यम् pos=i
गुरु गुरु pos=n,comp=y
शुश्रूषणे शुश्रूषण pos=n,g=n,c=7,n=s
रता रम् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
सु सु pos=i
संमृष्ट सम्मृज् pos=va,comp=y,f=part
क्षया क्षय pos=n,g=f,c=1,n=s
pos=i
एव एव pos=i
गो गो pos=i
शकृत् शकृत् pos=n,comp=y
कृत कृ pos=va,comp=y,f=part
लेपना लेपन pos=n,g=f,c=1,n=s