Original

महेश्वर उवाच ।दाता ब्राह्मणसत्कर्ता दीनान्धकृपणादिषु ।भक्ष्यभोज्यान्नपानानां वाससां च प्रदायकः ॥ २ ॥

Segmented

महेश्वर उवाच दाता ब्राह्मण-सत्कर्ता दीन-अन्ध-कृपण-आदिषु भक्ष्य-भोज्य-अन्न-पानानाम् वाससाम् च प्रदायकः

Analysis

Word Lemma Parse
महेश्वर महेश्वर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
दाता दातृ pos=a,g=m,c=1,n=s
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,comp=y
सत्कर्ता सत्कर्तृ pos=a,g=m,c=1,n=s
दीन दीन pos=a,comp=y
अन्ध अन्ध pos=a,comp=y
कृपण कृपण pos=a,comp=y
आदिषु आदि pos=n,g=m,c=7,n=p
भक्ष्य भक्ष्य pos=n,comp=y
भोज्य भोज्य pos=n,comp=y
अन्न अन्न pos=n,comp=y
पानानाम् पान pos=n,g=n,c=6,n=p
वाससाम् वासस् pos=n,g=n,c=6,n=p
pos=i
प्रदायकः प्रदायक pos=a,g=m,c=1,n=s