महाभारतम् — 13.131.43
Original
Segmented
गो ब्राह्मण-हित-अर्थाय रणे च अभिमुखः हतः त्रेताग्नि-मन्त्र-पूतम् वा समाविश्य द्विजो भवेत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गो | गो | pos=i |
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,comp=y |
हित | हित | pos=n,comp=y |
अर्थाय | अर्थ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
अभिमुखः | अभिमुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हतः | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्रेताग्नि | त्रेताग्नि | pos=n,comp=y |
मन्त्र | मन्त्र | pos=n,comp=y |
पूतम् | पू | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
वा | वा | pos=i |
समाविश्य | समाविश् | pos=vi |
द्विजो | द्विज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |