महाभारतम् — 13.125.13
Original
Segmented
अवृत्त्या क्लिश्यमानो ऽपि वृत्ति-उपायान् विगर्हयन् माहात्म्याद् व्यथसे नूनम् तेन असि हरिणः कृशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अवृत्त्या | अवृत्ति | pos=n,g=f,c=3,n=s |
क्लिश्यमानो | क्लिश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
वृत्ति | वृत्ति | pos=n,comp=y |
उपायान् | उपाय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विगर्हयन् | विगर्हय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
माहात्म्याद् | माहात्म्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
व्यथसे | व्यथ् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
तेन | तेन | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |