महाभारतम् — 13.125.11
Original
Segmented
धन-ऐश्वर्य-अधिकाः स्तब्धाः त्वद्-गुणैः परम-अवरे अवजानन्ति नूनम् त्वाम् तेन असि हरिणः कृशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धन | धन | pos=n,comp=y |
ऐश्वर्य | ऐश्वर्य | pos=n,comp=y |
अधिकाः | अधिक | pos=a,g=m,c=1,n=p |
स्तब्धाः | स्तम्भ् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
गुणैः | गुण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
परम | परम | pos=a,comp=y |
अवरे | अवर | pos=a,g=m,c=1,n=p |
अवजानन्ति | अवज्ञा | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
नूनम् | नूनम् | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तेन | तेन | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
हरिणः | हरिण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कृशः | कृश | pos=a,g=m,c=1,n=s |