महाभारतम् — 13.121.12
Original
Segmented
तृषितः तृषिताय त्वम् दत्त्वा एतत् अशनम् मम अजैषीः महतो लोकान् महा-यज्ञैः इव अभिभो अतो दान-पवित्रेण प्रीतो ऽस्मि तपसा एव च
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तृषितः | तृषित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तृषिताय | तृषित | pos=a,g=m,c=4,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अशनम् | अशन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अजैषीः | जि | pos=v,p=2,n=s,l=lun |
महतो | महत् | pos=a,g=m,c=2,n=p |
लोकान् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=p |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
यज्ञैः | यज्ञ | pos=n,g=m,c=3,n=p |
इव | इव | pos=i |
अभिभो | अभिभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
अतो | अतस् | pos=i |
दान | दान | pos=n,comp=y |
पवित्रेण | पवित्र | pos=n,g=n,c=3,n=s |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
च | च | pos=i |