Original

कीट उवाच ।सुखात्सुखतरं प्राप्तो भगवंस्त्वत्कृते ह्यहम् ।धर्ममूलां श्रियं प्राप्य पाप्मा नष्ट इहाद्य मे ॥ ११ ॥

Segmented

कीट उवाच सुखात् सुखतरम् प्राप्तो भगवन् त्वद्-कृते हि अहम् धर्म-मूलाम् श्रियम् प्राप्य पाप्मा नष्ट इह अद्य मे

Analysis

Word Lemma Parse
कीट कीट pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
सुखात् सुख pos=n,g=n,c=5,n=s
सुखतरम् सुखतर pos=a,g=n,c=2,n=s
प्राप्तो प्राप् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
भगवन् भगवत् pos=a,g=m,c=8,n=s
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
कृते कृते pos=i
हि हि pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
मूलाम् मूल pos=n,g=f,c=2,n=s
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s
प्राप्य प्राप् pos=vi
पाप्मा पाप्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
नष्ट नश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
इह इह pos=i
अद्य अद्य pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s